बामनवादी सेक्स एजुकेशन
पुरातनवादी धार्मिक लोग अक्सर ये कहते हुए देखे जाते हैं कि इंग्रेज और बॉलीवुड ने उनकी संस्कृति को बिगाड़ दिया है।
ये लोग आपने ग्रंथो में ज्ञान विज्ञान तत्वज्ञान होने का भी दावा करते है इसलिए हम इनके ग्रंथो से महान संस्कृति और विज्ञान होने की समीक्षा करेंगे
इन्द्र इंद्राणी का संवाद
ऋग्वेद 10-86 में इन्द्र इंद्राणी का एक संवाद आया है उस संवाद का एक अंश
इंद्राणी कहती है
वह व्यक्ति मैथुन करने में समर्थ नहीं हो सकता जिसकी पुरुषंद्रिय जांघों के बीच लटकती है . वह व्यक्ति मैथुन करने में समर्थ हो सकता है , जिसकी बालों से युक्त पुरुषंद्रिय सोते समय विस्तृत होती है .
फिर इन्द्र कहता है
इंद्र ने कहा- " वह पुरुष मैथुन करने में समर्थ नहीं हो सकता जिसकी बालों वाली पुरुषंद्रिय उसके सोते समय विस्तत होती है , वही व्यक्ति मैथुन करने में समर्थ हो सकता है जिसकी पुरुर्षेद्रिय जांघों के बीच में लटकती है . इंद्र सबसे श्रेष्ठ हैं .
(ऋग्वेद 10-86-16,17)
देखे,
ऋग्वेद, गंगा सहाय शर्मा, पृष्ठ 1715
ऋग्वेद, राम गोविंद त्रिवेदी, पृष्ठ 1348
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वैसे गलत तो कुछ नहीं है सिर्फ सेक्स पर बात हो रही है लेकिन ऎसी सामान्य बाते लिखे हुए ग्रंथ से बड़ा बड़ा विज्ञान खोजना हमे सही नहीं लगता।
और दूसरी बात कि क्या धर्म का मार्केटिंग करने वाले कस्टमर्स को बताएंगे कि उनके ग्रंथो में देवराज इन्द्र ऐसी बाते बोल रहा है ?
जानवरों के साथ सेक्स
स्वामी दयानंद आपने यजुर्वेद भाष्य 21/60 में लिखते है
हे मनुष्यों ! प्राण और अपान के लिए दुःख विनाश करने वाले छेरी आदि पशु से , वाणी के लिए मेंढा ( मेंढक ) से , और परम ऐश्वर्य के लिए बैल से भोग करें "
तो यहां स्वामी दयानंद अपने अनुयाययों के लिए कह रहे है कि
अगर वो दुःखी है तो छेरी(बकरी) से भोग करे और ऐश्वर्य प्राप्त करने के लिए बैल से भोग करे
पौराणिक सेक्स एजुकेशन
वेदों के अलावा पुराणों में भी हमे बहुत सारा सेक्स एजुकेशन देखने को मिलता है
जो कि इस तरह है,
जिस आदमी का लिंग दायीं तरफ झुका हुआ हो वह पुत्रवाला होता है , जिसका लिंग बायीं तरफ को झुका हुआ हो उसके कन्या पैदा होती हैं ॥१ ॥ मोटे रगोंवाले , टेढ़े लिंगों से दरिद्रता होती है । जिन पुरुषों के लिंग सीधे , गोल होवें , वे पुत्रों के भागी होते हैं
भविष्य पुराण
कड़वा तेल , भिलावा , बहेड़ा तथा अनार - इसकी चटनी से लेप करने से लिंग बढ़ता है ।
गरुड़ पुराण, अचार अध्याय 180
काफूर , देवदारु को शहद के साथ मिलाकर लिंग के लेप करें तो स्त्री वश में हो जाती है ॥२ ॥ हे महादेव ! नमक और कबूतर की बीठ शहद में मिलाकर यदि लिंग पर लेप करे तो स्त्री वश में हो जाती है ॥१६ ॥
गरुड़ पुराण, अचार, अध्याय 185
ब्रह्मचर्य में रहती हुई साध्वी स्त्री की योनि भी सुन्दर पुरुष को देखकर टपकने लग जाती है ॥२८ ॥
भविष्य पुराण, ब्रह्म अध्याय 73
स्नान किये हुए निर्मल सुगन्धित पुरुष को देखकर स्त्रियों की योनि ऐसे टपकने लगती है जैसे मशक में से पानी ॥३१ ॥
शिव पुराण,उमा.. अध्याय 24
पौराणिक पोल प्रकाश, मंसराम शास्त्री, पृष्ठ 98
सेक्स के बाद गर्भधारण रोकने का उपाय
अगर किसी स्त्री पुरुष ने सेक्स किया है और वो उस स्त्री की गर्भ धरना को रोकना चाहता है तो बृहदारण्यकोपनिषद के लेखक ने एक मंत्र बताया है
अपनी जिस पत्नी के विषय मे ऐसी इच्छा हो कि वह # गर्भधारण न करे तो उसकी # योनीमे अपने # जनेंद्रिय को स्थापित करके उसके मुख से अपना मुख मिलाकर अभिप्राणन कर्म करके अपानन क्रिया करे और कहे ... इन्द्रियस्वरुप # विर्य के द्वारा मै तेरे रेतस को ग्रहण करता हु , ऐसा करने पर वह रेतहिन हि हो जाती है . # गर्भिणी नही होती .
( बृहदारण्यकोपनिषद , शंकरभाष्य गिताप्रेस गोरखपूर , पृष्ठ 1346 )
तो उपनिषद् के सेक्स एजुकेशन के अनुसार सेक्स के बाद ऊपर का मंत्र बोल दिया तो वो स्त्री गर्भवती नहीं होगी
पत्नी के साथ जबरदस्ती सेक्स करना
अगर किसी आदमी की पत्नी सेक्स के लिए मना कर दे तो उपनिषद् का सेक्स एजुकेशन कहता है कि आप उसके साथ मार पिट करके जबरदस्ती सेक्स कर सकते है
वह #पत्नी यदि पती को #मैथुन न करने दे तो पती उसे उसके इच्छा के अनुसार वस्त्र,आभुषण आदी देकर उसके प्रति अपना प्रेम प्रकट करे.
इतनेपर भी यदि वह उसे मैथुन का अवसर न दे तो वह पती इच्छानुसार दण्ड का भय दिखाकर उसके साथ #बलपुर्वक #समागम करे. यदि यह भी संभव न हो तो कहे मै तुझे शाप देकर #दुर्भगा(बन्ध्या) बना दुंगा ऐसा कह कर वह उसके निकट जाये और मै अपनी यशः स्वरुप इंद्रियद्वारा तेरे यशको छिने लेता हु.
इस मंत्रका उच्चारण करे.
इस प्रकार शाप देणेपर वह #बन्ध्या अथवा दुर्भगा हो हि जाती है
(गिताप्रेस गोरखपूर,उपनिषद भाष्य खंड 4, बृहदारण्यकोपनिषद शंकर भाष्य 6/4/7)
स्त्री योनि का वर्णन
बृहदारण्यकोपनिषद और छान्दोग्य उपनिषद् में अलग अलग उपमा देकर स्त्री योनि का अलंकारिकता वर्णन किया गया है
योषा वा अग्नि ! तम तस्या उपस्थ एव समिल्लोमानि धूमो योनिरर्चिर्यदन्तः करोति तेंऽगारा अभिनंदा विस्फुलिंगा:
अर्थात: गौतम ! स्त्री अग्नि है . उस का गुप्तांग ईंधन है . गुप्तांग पर उगे बाल धुआं है . योनि ज्वाला है . लिंग प्रवेश अंगारे हैं और कामानंद ही चिनगारियां हैं .
(बृहदारण्यकोपनिषद 6-2-13)
यही बात छान्दोग्य उपनिषद् में मिलती है
योषा वाव गौतमाग्निस्तस्या उपस्थ एव समिध् यदुपमत्रयते स धूमो योनिरर्चिर्यदंतः करोति ते अंगाराः अभिनंदा विस्फुलिंगाः .
अर्थात: हे गौतम , स्त्री जाति अग्नि है . उस का गुप्तांग ही ईंधन है . कामक्रीड़ा के लिए बोलना ही धुआं है . उस की योनि ही ज्वाला है . उस में पुरुष की जननेंद्रिय और आनंद की प्राप्ति ही चिनगारियां हैं .
(छान्दोग्य उपनिषद् 5-8-1)
इस तरह से हम देखते है बामन धर्म के सभी ग्रंथ वाहियात अश्लील विज्ञान विरोधी शिक्षा देने वाले है जिसे कोई भी सभ्य व्यक्ति अपने घर में नहीं बता सकता
सभ्य आधुनिक समाज की भलाई इन ग्रंथो के त्यागने में ही है
जो व्यक्ति कर्मकांड पूजा पाठ और कथा कीर्तन करते हैं वो लोग सबसे ज्यादा कामुक और सेक्सी होतें है इसलिए जो जाने माने भक्त और कथा पढ़ ने वाले थे आजकल जैल में सजा काट रहे हैं! 😄😄😄😄😄😄
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