क्या वाल्मिकी शुद्र थे?
किसी जाती का ब्राह्मणीकरण करना हो तो संघी 2 तरीके अपनाते है.
या तो उस जाती मे कोई धर्मरक्षक राजा तयार करो या फिर उस जाती को किसी काल्पनिक ऋषी का वंशज बना दो. भंगी जाती का ब्राह्मणीकरण करने के लिए भी संघीओ ने यही तरीका अपनाया है.
वाल्मिकी को शुद्र कहने का दुसरा कारण यह भी है कि अपने धर्म को सजावटी दिखाया जा सके और कह सके कि वर्णव्यवस्था कर्म के आधार पर थी.
लेकिन क्या सच मे शुद्र वाल्मिकी कर्म से ब्राह्मण बन गये थे ? या फिर यह 21 वी सदी मे अपने धर्म को सजावटी दिखाने का एक षडयंत्र है ?
वाल्मिकी ने रामायण मे दो जगह अपना परिचय दिया है
हे राम मै प्रचेता का दसवां पुत्र हु
( वाल्मिकी रामायण उत्तरकांड 96/19)
यह आख्यान भविष्य और उत्तरसहित प्रचेता के पुत्र ने रचा है जिसका ब्रह्म ने भी सन्मान किया है
(उत्तरकांड 111/11)
वाल्मिकी खुदको प्रचेता के पुत्र बता रहे है, यह प्रचेता कौन है ?
मनुस्मृति मे लिखा है कि वह ब्रह्मा का पुत्र था
ब्रह्मा ने मरीचि,अत्रि,अंगिरा,पुलस्त्य,पुलह,क्रतु,प्रचेता,वासिष्ठ,भृगु और नारद इन दस पुत्रो को उत्पन्न किया
(मनुस्मृति 1/35)
वाल्मिकी के पिता प्रचेता ब्रह्मा के दस ब्राह्मण पुत्रो मे से एक थे इससे स्पष्ट है वाल्मिकी शुद्र वर्ण के नही थे.
सुरेंद्र अज्ञात ने अध्यात्म रामायण के संदर्भ से लिखा है 👇
अध्यात्म रामायण नामक अन्य ग्रंथ मे वाल्मिकी ने अपने विषय मे बताया है कि मै जन्म से द्विज(ब्राह्मण) था परंतु किरातों (शुद्र व भिलों) के संपर्क के कारण मै चोर बन गया था.
बाद मे पुन्ह ब्राह्मण के काम करने लगा.
(अध्यात्म रामायण अयोध्याकांडा सर्ग 92)
रामायण या सितायण पृष्ठ 20
यहा भी वाल्मिकी ने खुदको जन्म से ब्राह्मण हि कहा है.
स्कंद पुराण आवन्त्यखंड 286 मे भी वाल्मिकी को ब्राह्मण हि कहा गया है
स्कंद पुराण के अनुसार 👇
प्राचिन काल मे सुमती नामक एक भृगूवंशी ब्राह्मण थे. जिनका पुत्र अग्नी शर्मा लुटेरा हो गया. लेकिन सप्तॠषीयों के मत परिवर्तन से प्रभावित होकर अग्नी शर्मा ने घोर तप किया आगे चल कर अग्नी शर्मा वाल्मिकी नाम से प्रसिद्ध हुआ.
तिनो ग्रंथो कि कथाये एक-दुसरे से थोडी अलग है लेकिन तिनो ग्रंथ इस बात पर एकमत है तथाकथित शुद्र वाल्मिकी शुद्र नही थे बल्की जन्म से हि ब्राह्मण थे.
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