ताडना शब्द का सही अर्थ
ताडना शब्द का सही अर्थ
#भुमिका
तुलसिदास रामायण मे एक 'चौपाई' है
ढोल गंवार शुद्र पशु नारी ये सब ताडन के अधिकारी
(सुंदरकांड 61/3)
इसपर दलित,मुलनिवासी,बहुजन,फेमिनिस्ट,बुद्धीवादी,नास्तिक,उदारमतवादी ,इत्यादी सब आक्षेप लेते है
इसलिए धर्म कि इज्जत बचाने के लिए संघी मनुवादी,कथावाचक बाबा पंडे-पुरोहित इन्होंने एक युक्ती खोज निकाली ताडन शब्द का मनमाना अर्थ लगाकर आम लोगो कि आंखो मे धुल झोंकना.
इसपर अनेक युट्युब व्हिडीओ बनाये गये है
लेख लिखे गये है. Facebook whats app पर अनेक काॅपी पेस्ट भी वायरल है
इसलिए व्यापक स्तरपर होने वाले इस दुष्प्रचार का खंडन होना आवश्यक है
#आप्टे_कोश
आप्टे संस्कृत-हिंदी कोश के अनुसार ताडन शब्द का अर्थ है 👇
मारने-पीटने की क्रिया या भाव 2. किसी को दिया जाने वाला दुख या कष्ट 3. किसी को उत्पीड़ित या परेशान करने की क्रिया 4. प्रहार; आघात। [क्रि-स.] 1. भाँपना; छिपी हुई बात समझना 2. सुधार के उद्देश्य से सज़ाया दंड देना 3. किसी को अपशब्द कहना 4. कष्ट देना।
#नालंदा_विशाल_शब्दसागर
नालंदा विशाल शब्द सागर(पृष्ठ 510) अनुसार
ताडना(संज्ञा,स्त्री) 1.मार,प्रहार 2.डांट डपर,दंड शासन,धमकी 3.उत्पिडन कष्ट 4. मारपिट कर भगाना 4. कष्ट पहुंचाना
इस से सिद्ध है कि ताडना शब्द मारने पिटने से हि संबंधीत है. इसका अगल अर्थ लगाकर सत्य नही बदला जा सकता.
क्योंकी रामचरित्रमानस मे शुद्र और स्त्रीओ के लिए नफरत अन्य स्थानो पर भी दिखती है
#इतर_कांड
बालकांड मे तुलसिदास लिखते है
नारी स्वभाव से हि मुर्ख और नासमज होती है
(बालकांड 143/2)
स्त्री स्वभाव से हि अपवित्र होती है
(अरण्यकांड 6)
नारी अवगुणो कि जड पिडा देने वाली और सब दुखों कि खान है
(अरण्यकांड 55)
नारी स्वतंत्रता के पात्र नही.
(किष्किंधाकांड 16/4)
नारी का ह्रदय कपटों पापों और अवगुणों कि खान है.
(अयोध्याकांड 162/2)
#शुद्र_द्वेष
तुलसिदास शुद्र जातीओ पर लिखते है
तेली कुंभार श्वपच किरात कलार आदि निच वर्ण है
(उत्तरकांड 157/3)
शुद्र यदि गुणवान और ज्ञानी भी हो तो भी उसका पुजन नही करना चाहिए.
(अयोध्याकांडा 40/1)
संसार मे एक ही पुण्य है, मन कर्म वचन से ब्राह्मणों कि पुजा.
(उत्तरकांड 67/4)
शुद्र कलियुग मे ब्राह्मणों को उपदेश दे रहे है और जनेऊ पहनकर दान ले रहे है जिसके वे पात्र नही.
(उत्तरकांड 99(ख) 1)
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#निष्कर्ष
ताडना शब्दका अर्थ बदलनेकी कोशिश करने वालो का इसपर क्या मत है
स्त्री शुद्र के बारे मे नफरत तो रामचरित्रमानस मे अन्य स्थानो पर भी है
धर्मकी इज्जत बचाने के लिए आप किस किस शब्द का अर्थ बदलोगे?
ताडना शब्द का अर्थ बदलनेकी कोशिश करना मतलब 21 वी सदी मे कालबाह्य धर्मकी इज्जत बचाने कि कोशिश करना है
संघी मनुवादी कथावाचक बाबा पंडे पुरोहित इनकी समजदारी इसी मे है कि वो ईमानदारी से सत्य को स्विकार करे.
सही कहा
ReplyDeleteएकदम सटीक विश्लेषण किया है ताडन शब्द का
ReplyDeleteआप ने जो विश्लेषण किया है ताडना वो सत प्रतिसत सही है मनुवादी लोग और क्या कहेंगे। वो छुपा नहीं पा रहे हैं। इसलिए मिलावट कह रहे हैं।
ReplyDeleteExactly correct
ReplyDeleteAbsolutely right
ReplyDeleteजी, मैं इस व्याख्या से सहमत नहीं हूं। यदि ताड़ना शब्द का अर्थ सिर्फ पिटाई से ही है तो ढोल से मधुर राग उत्पन्न करने के लिए मात्र ढोल को पीटने से ही उसने मधुर आवाज नहीं आएगी बल्कि उसके साथ समझदारी दिखानी होगी और पशु को पीट करके आप काम लेना चाहेंगे तो कतई नहीं ले सकते। गाय या भैंस को समझना या भापना पड़ेगा तभी आप उससे 2 किलो की बजाय 4 किलो दूध ले सकते हैं सिर्फ लाठी लेकर के पीटीए और किसी भैंस से जरा दूध निकालकर दिखाइए??
ReplyDeleteमहोदय यही बात नारी के साथ भी है और शूद्र का मतलब भी नासमझ या अल्पज्ञ से है। उससे भी यही है।
आप शब्दो के साथ खेल रहे हो, भावना तो पीटने की ही है फिर वो ढोल हो पशु हो। यहाँ उसे बलपूर्वक काबू में रखने की है। यह ऊंच वर्ण वालो को बताया गया है की शुद्रो पर कंट्रोल कैसे रखे।
Deleteसही बात है
ReplyDeleteवैसे ही तुलसीदास को भी ,तत्कालीन समाज के लोगों ने तब अच्छे से टाडा (कुटाई) था, जब उन्होंने संस्कृत भाषा के स्थान स्थानीय बोली में रामचरित मानस का लेखन किया
ReplyDeleteFake data
ReplyDeleteRight 👉, #DNABasedNRC, #JoinBAMCEF, #Banevmbringballot
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