अंग्रेजो ने जंगली असभ्य सवर्णो को सभ्यता सिखायी
धर्म के झुठे अहंकार मे जिने वाले पुरातनवादी संस्कृतीवादी लोग अंग्रेजो के बारे मे ये कहते है कि इन्होंने हमारा विज्ञान चोरी किया,हमारी सभ्यता नष्ट कि, हमारी महान गुरुकुल व्यवस्था नष्ट कि जातीवाद के जिम्मेदार अंग्रेज है, अंग्रेज आने से पहले देश मे कोई अनपढ नही था. इत्यादी. इन लोगों ने झुठे फैलाने के लिए मैकाले के नाम से बहोत सारे झुठे खत भी तयार करके रखे है. असल मे जिन अंग्रेजो के नाम से ये लोग झुठ फैलाते है उन्ही अंग्रेजो ने उनके धर्म पर बहोत बडा उपकार किया है उनकी कुप्रथायें बंद करके इस लेख मे मै अंग्रेजो द्वारा बंद कि गयी ऐसी कुप्रथायें बताने वाला हु जो इन वैदिक धर्मी सवर्णो के सभ्य होने पर संदेह उत्पन्न कर देती है. 1. रथ यात्रा= जगन्नाथ धाम मे रथयात्रा के समय कितने भक्तजन रथ के पहियों के निचे मोक्षप्राप्ती कि अशा से जानबुझकर दबकर मर जाते थे.मानव सभ्यता को कलंकित करने वाला यह नृशंस कार्य हर तिसरे वर्ष होता था. ब्रिटिश सरकार ने इस प्रथा को कानुन के द्वारा बंद किया. 2. काशी-करवट= काशी धाम मे आदी विश्वेश्वर के मंदिर के पास एक कुआं है जिसमे मोक्ष प्राप्ती के अभिलाषा से कुदक...