कोरोना के कारण मंदिरो पर आक्षेप क्यों ?
कोरोना बिमारी जबसे फैली है तब से नास्तिक बुद्धीवादीओ ने देवताओ पर कई सवाल उठाये है जिसके तार्किक जवाब देने मे धार्मिक लोग असमर्थ है. नास्तिक बुद्धीवादीओ के अकाट्य तर्को के कारण धर्म का मार्केट डाऊन ना हो जाये इसलिए अब धर्मांध लोग सतर्क हो गये है. वो तरह तरह के कुतर्क करके अपने देवताओ को बचाने मे लगे है. धर्मांध लोगो का कहना है कि बडे बडे मंदिर करोडो रुपये कि सहायता दे रहे है फिर भी मंदिरो पर सवाल क्यों उठाया जा रहा है. हमारा कहना है कि किसी मंदिर ने अगर करोडो कि सहायता कि है तो इसमे कोई बडी बात नही है ये 1000 रुपये मे से 1 रुपये देने जैसा है. धार्मिक लोग अपनी आर्थिक स्थिती के आधार पर मंदिर मे दान करते है. वो इस मानसिकता के कारण दान करते है कि उन्हें दान करते हुये उनका देवता उन्हें देख रहा है अब वो खुश होकर उन्हें और अमीर बना देना , हर समस्या मे उनका देवता उन्हें मदत करेगा इत्यादी. मंदिरो मे ज्यादातर पैसा तो भ्रष्टाचारी नेता और वैश्य व्यापारीओ का हि होता. जिन्होंने आम लोगों का आर्थिक शोषण किया होता है. अ...