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Showing posts from 2020

क्या छुआछूत मुघल अंग्रेज़ो की देन है ? भाग 2

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3 अक्टूबर के एक लेख में हमने धर्मसूत्र और मनुस्मृति के श्लोक, और विदेशी यात्री के वृत्तांत से साबित किया था कि छुआछूत बामन धर्म का एक हिस्सा है और ये प्रथा प्राचीन समय से रही है।  इसी बात को साबित करते हुए हम स्मृति ग्रंथो के कुछ और श्लोक देकर अपनी बात साबित करते है  संवर्त स्मृति संवर्त स्मृति के अनुसार  चांडाल,पतित,मुर्दा,अछुत, रजस्वला स्त्री इनका स्पर्श करने पर वस्त्रों सहित स्नान करे  (संवर्त स्मृति 183)  अत्रि स्मृति  जो जातियां स्पर्श करने योग्य नहीं है उनके स्पर्श करने वाले द्विज को स्नान करना योग्य है (अत्रि स्मृति 73)  यम स्मृति  यदि रात्रि के समय में चांडाल अथवा श्वपच छु ले तो स्नान करना उचित है। और फिर वहां रात्रि में निवास न करके शीघ्र स्नान करे  (यम स्मृति 64)  मनुस्मृति  मनुस्मृति के 5 वे अध्याय में है कि  चांडाल, रजस्वला, पतित, प्रसुतिका,  शवके स्पर्श के बाद स्नान करना चाहिए  ( मनुस्मृति 5/85)  भृगु संहिता  भृगु संहिता के अनुसार   चांडालों , सात अंत्यज जातियों , अंतरजातीय विवाहों की ...

भागवत पुराण भांग के नशे में लिखा गया ग्रंथ

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 भगवत पुराण भांग के नशे मे लिखा गया ग्रंथ  भगवत पुराण 18 प्रमुख पुरानो मे से एक हैं  आस्था संस्कार चॅनल पर प्रवचन देणे वाले कथा वाचक बाबा पंडे सबसे ज्यादा कथा इसी पुराण की बताते है ।  इस ग्रंथ में ऐसी ऐसी बाते लिखी गई है जिसे पढ़ के कोई साइंटिस्ट कपड़े सीने की रस्सी लेकर केले के पेड़ को लटक कर आत्महत्या कर लेगा ।  14000 किमी ऊंचा पेड़  भागवतकार को ऐसे पेड़ की जानकारी थी जो ग्यारह सौ योजन ( 14,080 कि.मी. ) ऊंचा था  चतुर्बेतेषु चूतजंबूकदंबन्यग्रोधाश्चत्वारः पादपप्रवराः पर्वतकेतव इवाधिसहस्रजनो नाहास्तावद् विटपविततयः शतयोजनपरिणाहाः . भगवत पुराण 5-16-12  अर्थात इन चारों - मंदर , मेरुमंदर , सुपार्श्व और कुमुद पर्वत - के ऊपर इन की जाओं के समान क्रमशः आम , जामुन , कदंब और बड़ के चार पेड़ हैं . इन में से स्यक ग्यारह सौ योजन ( 14,080 कि.मी. ) ऊंचा है और इतना ही इन की शाखाओं विस्तार है . इन की मोटाई सौसौ योजन ( 1,280 कि.मी. ) है . पहाड़ पर ग्यारह मायोजन ( 14,080 कि.मी. ) शिव के वीर्य से सोने चांदी की उत्पत्ति  भागवत पुराण में शिव और मोहिनी की कथा आती है...

बॉलीवुड हिन्दू विरोधी या बामनवादी

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बामन लोक आपने बामन धर्मी लोगो को कट्टर बनाने के लिए हमेशा काल्पनिक शत्रु तयार करते रहते है,  उसी में से एक बॉलीवुड भी है,  कहा जा रहा है कि अहमदाबाद में IIM प्रोफेसर धीरज शर्मा ने एक रिसर्च कि थी जिसके अनुसार 1950 से 2010 तक कि ज्यादातर बॉलीवुड मूवीज मी विलेन, अत्याचारी, भ्रष्टाचारी लालची नेता, इत्यादि ज्यादातर सवर्ण दिखाए जाते है।  इससे उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि बॉलीवुड हिन्दू विरोधी है।  धीरज शर्मा की इस रिसर्च पर बहुत सारे लेख लिखे गए, वीडियो बनाए गए, यहां तक कि सुधीर चौधरी ने उसपर एक D N A टेस्ट दिखाय।  वैसे ये बात सही है कि बॉलीवुड मूवीज में विलेन के ज्यादातर सरनेम सवर्ण जाति के होते है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि ये सब हिन्दू विरोधी होने के कारण है।   इसके पीछे का कारण ये है हर बड़े क्षेत्र में ज्यादातर सवर्ण जाती के ही लोग होते है।  अब कथा लिखने वाला अपनी कथा के पात्रों को वहीं सरनेम देगा जो उसे बार बार हर जगह सुनाई दे रहे है।  जो SC St obc के सरनेम होते है वो तो दूसरे राज्यो के लोगो ने सुने भी नहीं होते।  जैसे अगर किसी नॉन ब...

रामराज्य का भांडा फोड

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रामराज्य शब्द का उपयोग एक आदर्श समाज व्यवस्था के रूप में किया जाता है ऎसी व्यवस्था जिसमें समाज के सभी लोग सुखी हो सम्पन्न हो।  पुरातनवादी ही नही बल्की खुदको सेक्युलर कहने वाले भी इस शब्द का उपयोग ज़रूर करते है आदर्श समाज व्यवस्था के रूप में। रामराज्य को , राम के समय की शासन और समाज व्यवस्था को , एक आदर्श में प्रस्तुत किया जाता है तो यह देखना जरूरी हो जाता है कि रामराज्य की विशेषताएं क्या थीं . क्या सचमुच रामराज्य एक आदर्श शासन प्रणाली थी जिस में लोग सुखी , समृद्ध और कर्तव्यनिष्ठ थे और जिस में शासक या राजा जनता के प्रति अपने दायित्वों को कुशलता से निभाता था ? उत्तर कांड में राम का राजा के रूप में उल्लेख आया है  इसलिए रामराज्य कैसा था यह भी उत्तर कांड के आधार पर ही जाना जा सकता है।  एक और बात ये भी है कि रामराज्य संकल्पना का इतना फेमस होना भी इस बात का प्रमाण है कि लोगो ने कभी उत्तर कांड को प्रक्षिप्त नहीं माना है  राम की दिनचर्या  उन की दिनचर्या ऐसी होती थी कि उस में राजकरण के लिए ध्यान देने का समय निकाल पाना संभव नहीं दिखता। राम की दिनचर्या गायकों और वादकों द्वा...

क्या छुआछूत मुघल अंग्रेज़ो की देन है ?

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कालबाह्य धर्म कि इज्जत बचाने के लिए संघी मनुवादी, दयानंदी, कथावाचक बाबा पंडे पुरोहित तरह तरह के झुठ बोलते रहते है, जिसका खंडन भी हमने समय समय पर किया है।  उसी मे से एक दुष्प्रचार है कि छुआछुत का बामन धर्म से कोई लेना देना नहीं है ये प्रथा मुगल अंग्रेजों के कारण शुरू हुई थी।  इसलिए हम उन्हीं के ग्रंथो से दिखा देंगे कि छुआछुत बामन धर्म का अभिन्न अंग है। शुद्र का अन्न न खाएं प्रमुख धर्मसुत्रो के अनुसार यदि व्यक्ति उच्चवर्ण का है तो उसके लिए शूद्र के अन्न का भक्षण नहीं करना चाहिए । क्योंकि शूद्रों वर्गों में सबसे निम्न कोटि का माना है । यदि व्यक्ति अज्ञानवश या ज्ञानपूर्वक भी शूद्र के अन्न का भक्षण करता है तो वह पाप से ग्रस्त माना जाता है और अपवित्र हो जाता है । इस अपवित्रता से मुक्त होने के लिए सूत्रकारों एवं स्मृतिकारों के मतानुसार प्रायश्चित विधान इस प्रकार हैं । बौधायन के कथनानुसार शूद्र के अन्न का भक्षण करने से जो अपवित्रता उत्पन्न हो गयी है । प्रसृतयावक ' नामक प्रायश्चित साधन से इस पाप से मुक्त हो सकता है । पापी व्यक्ति कहे कि यव घृत है , यव मधु है , यव जल है , यव अमृत है । त...

क्या ब्राह्मण वीर्य की डिमांड सबसे ज्यादा है

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पिछले कुछ सालों से एक खबर को सोशल मीडिया पर बोहोत वायरल किया गया है कि  ब्राह्मण वीर्य डिमांड सबसे ज्यादा है अगर आप किसी भी वेबसाइट पर इस खबर को पढ़ोगे तो वहां ये भी लिखा है कि मुस्लिम कपल्स डोनर शिया है या सुन्नी ये पुछते है याने कि जिनके अंदर जाती धर्म की भावना ज्यादा है उन्हें अपने जाती धर्म के डोनर का ही वीर्य चाहिए होता है  यहा भी ऐसा ही है ब्राह्मण वीर्य की डिमांड करने वाले कपल्स भी ब्राह्मण ही होते है  इस खबर में ऐसा कही नहीं लिखा है कि किसी दूसरी जाती के कपल्स ने ब्राह्मण डोनर के वीर्य की मांग की हो  असल में तथाकथित उच्चवर्णिय अपनी तथाकथित वंश शुद्धता को ज्यादा महत्व देते है इसलिए वो अपनी तथाकथित वंश शुद्धता के लिए वीर्य अपने ही जाती के डोनर का मांगेंगे  तो इस खबर में बस इतना ही सिद्घ होता है कि अपनी जाती के डोनर की मांग करने में ब्राह्मण सबसे नंबर 1 है  नाकी ये सिद्ध होता है कि दुसरे जाती के लोग ब्राह्मण वीर्य की डिमांड कर रहे है  वो बात अलग है कि डाक्टर को डोनर का धर्म बताने की परमिशन है लेकिन जाती बतने की नहीं

रामायण के कुछ खतरनाक आंकडे

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वाल्मिकी रामायण मे लिखा है कि,  राम 11 हजार वर्षो तक अयोध्या पर राज करेगा  (बालकांड 1/ 97)  दशरथ ने 60 हजार वर्षो से ज्यादा समय तक अयोध्या पर राज किया (बालकांड सर्ग 20, श्लोक 10,11)  शुद्र शंबुक के तपस्या से जिस ब्राह्मण बच्चे कि मृत्यू हुई थी वो 5 हजार साल का था  (उत्तरकांड सर्ग 73, श्लोक 5) राम ने अपने धनुष्य बाण से 14000 भयंकर राक्षसो को कुछ हि मिनट मे मारा  (अरण्यकांड सर्ग 30, श्लोक 30,31) जन्म होते हि कुंभकर्ण को बहोत भुख लगने के कारण उसने हजारो लोगों को खा लिया था  (युद्धकांड सर्ग 61, श्लोक 13)  हनुमान ने 800 मिल चौडे समुद्र को छलांग लगाकर पार किया था (सुंदर कांड सर्ग 1)  ==================  तो ये थे वाल्मिकी रामायण के कुछ मजेदार आंकडे ===============  सहायक ग्रंथ रामायण या सितायण, सुरेंद्र अज्ञात, पृष्ठ 66,67,68  सम्यक प्रकाशन दिल्ली
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बामनो का व्याभिचारी और बलात्कारी चरित्र   विदेशी बामन अपने-आप को श्रेष्ठ और संस्कारी मानते है, कोई कहता है वो महान कर्मो के कारण श्रेष्ठ हुये, कोई कहता है वो सात्विक आहार से श्रेष्ठ हुये. ये लोग अपने आप बडा हि चरित्रवान मानते है,  इसलिए हम इस लेख के माध्यम से बामन चरित्र कि समिक्षा करने वाले है,  आप इस लेख को संक्षिप्त बामन चरित्रमानस् भी कह सकते है.  बामन पराशर  महाभारत आदिपर्व मे सत्यवती अपने साथ विवाह से पहले हुई एक घटना भिष्म को बताती है  वह कहती है, एक दिन मैं नाव पर गई हुई थी. उन दिनो मे जवान थी. यमुन नदी पार कर के महर्षी पराशर मेरी नाव पर आ गये और मुझे देखकर काम पिडित हो गए.  यदि संभोग न करती तो ऋषी शाप दे सकता था.  उन्होंने अपनी योगशक्ती से अंधेरा कर दिया और मुझे अपने वश मे कर लिया. ऋषि ने मुझे वरदान दिया कि इस संभोग के परिणामस्वरुप तुम बच्चे को जन्म देकर फिर से कन्या बन जाओगी तुम्हारी योनी की झिल्ली पहले जैसी हो जाएगी.  (महाभारत आदिपर्व 104) बामन शंकराचार्य  आदि शंकराचार्य के बारे मे शंकर दिग्विजय मे है कि जब उसने मंडन मिश्...