बामन धर्मीओं के लिए स्वर्ग में 500 अप्सराएं


72 हुर v/s 500 अप्सरा 


पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ राहुल आर्य अंकुर आर्य, नीरज अत्री इनको कई बार इस्लाम के 72 हुर वाले कॉन्सेप्ट पर बात करते हुए देखा, बामन धर्मी लोग खुश होकर उनके विडियोज देखते है 

बामन धर्म के लोगो की ऐसी निर्लज्जता देखकर मै आश्चर्य चकित होता हूं क्योंकि वो जो बुराई दूसरो में खोजते है वो सबसे ज़्यादा उन्हीं के धर्म में है 

वहा 72 हूर है तो बामन धर्म में  500 अप्सरा 


कौषितकी ब्राह्मणोपनिषद् 


प्रमुख 12 उपनिषद् में से एक 
कौषितकी ब्राह्मणोपनिषद् में ब्रह्म ज्ञानी व्यक्ति जब ब्रह्म लोक जाता है तब उसे क्या क्या सुविधा मिलती है उसका भी वर्णन है 


500 अप्सरा उसका स्वागत करने के लिए आती है 100 के हाथ में फल, 100 के हाथ में सुगंधित पदार्थ होते है,100 के हाथ में माला, 100 के हाथ में वस्त्र, 100 के हाथ में केसर चंदन होते है। 
वो ब्रह्म ज्ञानी व्यक्ति को ब्रह्म लोक लेकर जाती है।
 

(कौषितकी ब्राह्मणोपनिषद्  1/4) 


अथर्ववेद 


अथर्ववेद के अनुसार सब प्रकार के यज्ञ करने वाला वायु द्वारा शुद्ध होकर, पवित्र लोक में गमन करता है, स्वर्ग में वो अनेक स्त्रियों के साथ सुख भोगता है

(अथर्ववेद 4-34-2) 


महाभारत 


महाभारत में है कि युद्ध में मारे गए शुर वीर लोगो पर शोक नहीं करना चाहिए,वो स्वर्ग में प्रतिष्ठित होते है, हजारों सुंदर अप्सरा उन्हें अपना पति मानती है 

(महाभारत शांति पर्व 98/44,45,46) 



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इस तरह से हम देखते है की स्वर्ग में स्त्रियों का लालच इस्लाम से ज़्यादा बामन धर्म में है। 
बामन धर्मी लोगो की दूसरो से नफरत करने की जगह खुदके धर्म की बुराइयों के बारे में सोचना चाहिए 

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