क्या छुआछूत मुघल अंग्रेज़ो की देन है ? भाग 2
3 अक्टूबर के एक लेख में हमने धर्मसूत्र और मनुस्मृति के श्लोक, और विदेशी यात्री के वृत्तांत से साबित किया था कि छुआछूत बामन धर्म का एक हिस्सा है और ये प्रथा प्राचीन समय से रही है। इसी बात को साबित करते हुए हम स्मृति ग्रंथो के कुछ और श्लोक देकर अपनी बात साबित करते है संवर्त स्मृति संवर्त स्मृति के अनुसार चांडाल,पतित,मुर्दा,अछुत, रजस्वला स्त्री इनका स्पर्श करने पर वस्त्रों सहित स्नान करे (संवर्त स्मृति 183) अत्रि स्मृति जो जातियां स्पर्श करने योग्य नहीं है उनके स्पर्श करने वाले द्विज को स्नान करना योग्य है (अत्रि स्मृति 73) यम स्मृति यदि रात्रि के समय में चांडाल अथवा श्वपच छु ले तो स्नान करना उचित है। और फिर वहां रात्रि में निवास न करके शीघ्र स्नान करे (यम स्मृति 64) मनुस्मृति मनुस्मृति के 5 वे अध्याय में है कि चांडाल, रजस्वला, पतित, प्रसुतिका, शवके स्पर्श के बाद स्नान करना चाहिए ( मनुस्मृति 5/85) भृगु संहिता भृगु संहिता के अनुसार चांडालों , सात अंत्यज जातियों , अंतरजातीय विवाहों की ...