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Showing posts from August, 2020

कौशल्या कि घोडे के साथ एक रात और खिर पिने से राम का जन्म

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अश्वमेध यज्ञ के बार मे तो बहोत सारे लोग पहले से हि जानते है.  जिसमे राणी को मृत घोडे के साथ सेक्स करना पडता था.  ऐसा अश्वमेध यज्ञ दशरथ ने भी किया था  जिसका उल्लेख वाल्मिकी रामायण के बालकांड सर्ग 14 मे है.  देखे......  यज्ञ के लिए 300 पशु और राजा दशरथ का श्रेष्ठ घोडा बांधा था(श्लोक 32)  राणी कौशल्या ने घोडे कि प्रदिक्षीणा करके तिन वार मे घोडे को मारा(श्लोक 33)  धर्मपालन के लिए कौशल्या ने घोडे के साथ एक रात निवास किया(श्लोक 34) उसके बाद श्लोक 36,37,38 मे घोडे कि चरबी का हवन करने का उल्लेख है.  इस यज्ञ के बाद पुत्रेष्टि यज्ञ का उल्लेख है.  जिसमे तिनो राणीया खिर पिकर गर्भवती हुई थी.  देखे....  बालकांड सर्ग 16  यज्ञ से एक विशाल पुरुष प्रकट हुआ(श्लोक 11)  प्रकट हुये पुरुष ने दशरथ से कहा....  ये देवताओ द्वारा बनायी खिर है इससे संतान प्राप्ती होगी और धन आरोग्य कि वृद्धी होगी(श्लोक 19)  ये खिर अपनी पत्नीओं को खाने के लिए दो जिससे उनकी गर्भधारना होगी(श्लोक 20)  वो खिर खाणे से तिनो राणीया गर्भवती हो गयी(श्लोक 31) ...

मनुस्मृती मे हगने-मुतने के नियम

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जागृत sc st obc मुलनिवासीओं बस इतना हि पता है मनुस्मृति स्त्री शुद्र विरोधी है और उसमे ब्राह्मण वर्ण का महिमामंडन किया गया है.  लेकिन इसके अलाव भी मनुस्मृति मे बहोत सारे ऐसे विचित्र नियम है जो विज्ञान और तर्क विरोधी है.  मनुस्मृति मे हगने-मुतने के कुछ नियम बताये गये है  मनुस्मृति के अनुसार  विवर या गढे प्राणियोंसे युक्त हो उनमे,चलते-चलते या #खडे_होकर, नदी के तट पर या पहाड कि चोटी पर मलमुत्र न करे. (मनुस्मृति अध्याय 4, श्लोक 47)  बाकी सब तो ठिक है लेकिन खडे-खडे मुत्रविसर्जन करने से क्या होने वाला है ?   पहले धोती के कारण पुरुष भी निचे बैठकर मुत्रविसर्जन करते होंगे  लेकिन अब तो सबके पास पैंट है और उसे चैन भी होती है.  इसलिए अब ये विचित्र नियम कालबाह्य हो गया है आगे मनुस्मृति मे लिखा है  तिरस्कृत्योच्चरेत्काष्ठलोष्ठपत्रतृणादिना...  नियम्य प्रयतो वाचं संवीतांगोsवगुंठित.... मुत्रोच्चारसमुत्सर्गं दिवा कुर्यादुदड्मुख.... दक्षिणाभिमुखो रात्रौ संध्यायोश्च तथा दिवा.. छायायामन्धकारे वा रात्रावहनि वा द्विज द्विज.... यथासुखमुखः कुर्यात्प्राणबाधाभयेषु...