सीता के सुडौल स्तन और जांघें 👉 रामायण में
धर्म ग्रंथ और उसके आदर्श पात्रों बारे में आम बामन धर्मी लोगों को बस इतना ही पता है जितना उन्हें टीवी पर दिखाया गया है या किसी कथावाचक बाबा पंडेने उन्हें बताया है, और ऐसी ही सुनी सुनाई कथाओं से वो उन पात्रों का अती भावनिक होकर आदर करते हैं लेकिन जब हम मूल ग्रंथों को खोल कर देखते है तब बहुत सारी ऐसी सच्चाई निकल कर सामने आती है जिसे आम लोगों से छुपाया गया हो जैसे वाल्मीकि रामायण में 6 अलग अलग जगहों पर सीता के स्तन जांघें, नाभि, कमर, नितंब (गां#) का अलंकारिक वर्णन आया है 1. पहला प्रसंग सीता हरण का है जब रावण उसके पास आता है तब कहता है तुम्हारे दोनों स्तन पुष्ट गोलाकार, मोटे , उठे हुए, ताड़फल के आकार के है (श्लोक 19,20) तुम्हारी कमर इतनी पतली है कि मुट्ठी में आ जाए, केश चिकने मनोहर है, दोनों स्तन परस्पर सटे हुए है (श्लोक 22) (अरण्य काण्ड, 46) 2. सीता हरण के बाद राम दुखी होकर कहता है मेरी प्रिया के दोनों गोल गोल स्तन जो सदा लाल चंदन से चर्चित होने योग्य थे निश्चित की रक्त की किच में सन गए होंगे (अरण्य काण्ड 63/8) 3. हनुमान जब सीता को खोजते खोजते...